वैश्विक नीति समाचार – फ्रांस और नीदरलैंड सहित आठ देशों के गठबंधन ने लक्जरी हवाई यात्रा पर कर लगाने के लिए एक संयुक्त प्रयास की घोषणा की है, विशेष रूप से निजी जेट और प्रथम श्रेणी की उड़ानों को लक्षित करते हुए। यह कदम हवाई यात्रा के सबसे अधिक कार्बन-गहन रूपों से उत्सर्जन में कटौती करके जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।
इस आठ देशों के गठबंधन में ये शामिल हैं:
- फ्रांस – France 🇫🇷
- नीदरलैंड – Nidarland 🇳🇱
- बेल्जियम – Belzium 🇧🇪
- लक्ज़मबर्ग – Lakmbarg 🇱🇺
- आयरलैंड – Airland 🇮🇪
- डेनमार्क – Denmark 🇩🇰
- ऑस्ट्रिया – Australia 🇦🇹
- पुर्तगाल – Purtgal 🇵🇹
ये सभी देश यूरोपीय संघ और ICAO (International Civil Aviation Organization) से अपील कर रहे हैं कि इस तरह के टैक्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाए।
किन पर लगेगा Tax टैक्स? यह टैक्स मुख्य रूप से उन सेवाओं पर लगेगा जिनका कार्बन फुटप्रिंट अधिक होता है:
- प्राइवेट जेट उड़ानों पर भारी टैक्स
- बिज़नेस और फर्स्ट क्लास टिकट पर अतिरिक्त कर
कार्बन आधारित मूल्य निर्धारण प्रणाली (Carbon Pricing) लागू होगी, विमानन उद्योग दुनिया के कुल CO₂ उत्सर्जन का लगभग 2.5% करता है, लक्जरी यात्री एक सामान्य यात्री की तुलना में 10 गुना ज्यादा उत्सर्जन करते हैं, टैक्स से मिलेगा फंड जिसका उपयोग होगा,

हरित ऊर्जा निवेश में
ईंधन-कुशल तकनीकों में
विमानन के सतत विकास में
समर्थकों का कहना है: “प्रदूषण करने वालों को अब अपनी हिस्सेदारी चुकानी होगी।”
विरोध करने वालों का कहना है: “यह पर्यटन और प्रीमियम ट्रैवल सेक्टर को नुकसान पहुँचा सकता है।”
यह प्रस्ताव इस साल के अंत तक यूरोपीय आयोग के सामने पेश किया जाएगा, गठबंधन चाह रहा है कि इसे पूरे EU कानून का हिस्सा बनाया जाए, ICAO से वैश्विक विमानन कर सुधार (Global Aviation Tax Reform) की भी मांग