गोपालगंज से बड़ी राजनीतिक खबर! टिकट कटने के बाद सदर विधायक फफक-फफक कर रो पड़ीं
टीडीएस वायरलस न्यूज़ गोपालगंज: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले गोपालगंज से एक बड़ी राजनीतिक हलचल सामने आई है। भाजपा ने सदर विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक कुसुम देवी का टिकट काट दिया है। पार्टी ने इस बार जिला परिषद अध्यक्ष सुभाष सिंह को उम्मीदवार बनाया है।
जैसे ही यह खबर विधायक और उनके परिवार तक पहुंची, माहौल पूरी तरह बदल गया। बताया जा रहा है कि कुसुम देवी अपने आवास पर ही फफक-फफक कर रो पड़ीं, और उनके समर्थक भी भावनाओं पर काबू नहीं रख सके।
समर्थकों में फूटा गुस्सा, भाजपा नेतृत्व पर आरोप – घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में समर्थक उनके आवास पर जुट गए। कई लोगों ने “न्याय चाहिए – सम्मान चाहिए” और “पूर्व मंत्री सुभाष सिंह अमर रहें” जैसे नारे लगाए।
वहीं, कुछ नाराज समर्थकों ने भाजपा नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि पार्टी ने वर्षों से मेहनत कर रही एक समर्पित विधायक को दरकिनार कर पैसे वालों को प्राथमिकता दी है।
आंसू भरे लहजे में विधायक कुसुम देवी ने कहा – हमने 20 साल से पार्टी की सेवा की। हर संकट में पार्टी के साथ खड़े रहे, जनता के बीच जाकर काम किया। लेकिन आज जब टिकट देने की बारी आई, तो पार्टी ने हमारे साथ विश्वासघात किया।
उन्होंने आगे कहा कि इस बार टिकट पैसे के दम पर बांटे गए हैं। उन्होंने बैकुंठपुर के पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “टिकट की खरीद-फरोख्त हुई है।
बेटे अमन कुमार का गुस्सा फूटा पैसे वालों के आगे पार्टी झुक गई – मौके पर मौजूद विधायक की पुत्र अमन कुमार ने मंच से खुलकर नाराज़गी जाहिर की। उन्होंने कहा मेरी मां ने दिन-रात जनता के बीच काम किया।
गरीबों, महिलाओं और युवाओं के हक़ की लड़ाई लड़ी। लेकिन भाजपा ने पैसे वालों के आगे सिर झुका लिया।
अमन कुमार ने “दिलीप जायसवाल मुर्दाबाद” और “मिथिलेश तिवारी मुर्दाबाद” के नारे भी लगाए।
उन्होंने साफ कहा कि अब चाहे किसी पार्टी से या निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में, वे चुनाव लड़ेंगे और मिथिलेश तिवारी को “रिकॉर्ड मतों से हराने” का दावा किया।
सदर विधायक आवास पर जुटी भीड़, समर्थकों ने कहा ‘विश्वासघात के खिलाफ जनता लड़ेगी’ टिकट विवाद की खबर फैलते ही गोपालगंज सदर विधायक आवास पर समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी। कई स्थानीय कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे अब भी कुसुम देवी के साथ खड़े हैं।
एक समर्थक ने कहा कुसुम देवी ने आम जनता के लिए जो काम किया, वो कोई नहीं भूल सकता। पार्टी ने अन्याय किया है और अब जनता इसका जवाब देगी।

लोगों ने यह भी कहा कि अगर कुसुम देवी निर्दलीय मैदान में उतरती हैं, तो गोपालगंज और बैकुंठपुर दोनों सीटों पर राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं।
भाजपा में टिकट बंटवारे के बाद असंतोष बढ़ा – भाजपा द्वारा एनडीए उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद, कई पुराने चेहरों में नाराज़गी देखने को मिल रही है।
कुछ नेताओं के चेहरे पर खुशी है, लेकिन कई वर्षों से सक्रिय कार्यकर्ता टिकट नहीं मिलने से असंतुष्ट हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गोपालगंज सदर की यह घटना भाजपा के चुनावी गणित पर बड़ा असर डाल सकती है।
गोपालगंज की राजनीति में नया समीकरण – क्या कुसुम देवी निर्दलीय उतरेंगी? अब बड़ा सवाल यह है कि क्या कुसुम देवी या उनका परिवार निर्दलीय या किसी अन्य दल से चुनाव लड़ेगा?
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि समर्थक लगातार दबाव बना रहे हैं कि वे जनता के उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरें। अगर ऐसा होता है तो गोपालगंज सदर और आसपास की सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज – राजनीतिक गलियारों में अब यह चर्चा गर्म है कि भाजपा के अंदरूनी असंतोष का असर आगामी विधानसभा चुनाव पर पड़ सकता है। गोपालगंज में यह घटनाक्रम न सिर्फ भाजपा बल्कि पूरे एनडीए गठबंधन के लिए चिंता का विषय बन गया है।
एक वरिष्ठ नेता ने कहा – कुसुम देवी का जनाधार मजबूत है। अगर उन्होंने बगावत की तो पार्टी को नुकसान तय है।
Gopalganj Election 2025: गोपालगंज की राजनीति में नया मोड़
गोपालगंज सदर सीट पर टिकट विवाद ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के समीकरणों को पूरी तरह बदल दिया है। जहां भाजपा नेतृत्व को भीतरघात से सावधान रहना होगा,
वहीं विपक्ष इस असंतोष का फायदा उठाने की रणनीति बना सकता है। फिलहाल, सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि कुसुम देवी अगला कदम क्या उठाती हैं, पार्टी से बगावत या नया राजनीतिक सफर?







