पटना, टीडीएस वायरलस न्यूज़: बिहार चुनाव 2025 के बीच एक नया भावनात्मक मोड़ सबको तेजप्रताप यादव के दबे हुए आँसू और ज़ब्त जज़्बात बेचैन कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर हर जगह वही चर्चा तेजस्वी मिल लेते तो अच्छा होता
Tejashwi Yadav vs Tejpratap Yadav | पर सवाल है, कैसे मिलते? – तेजस्वी यादव के नजरिए से देखें तो तस्वीर बदल जाती है।
उन्होंने तेजप्रताप (Tejpratap) की हजारों कमियाँ सालों तक हैंडल कीं, पार्टी की इमेज बचाई। शादी विवाद से लेकर निजी रिश्तों के तमाम वायरल किस्से तक हर बार तेजस्वी ने ही नुकसान झेला।
2015 में पटना यूनिवर्सिटी (Patna University) में तेजप्रताप का एंटी-मुस्लिम बयान अगर वायरल हो जाता तो राजद की राजनीति खत्म हो सकती थी।

सारण (Saran) सीट पर ससुराल पक्ष का BJP से जुड़ना राजद के लिए बड़ा झटका। और अब, तेजप्रताप की नई
Tejashwi Yadav vs Tejpratap Yadav | पार्टी बनाकर चुनाव लड़ना – राजद की मजबूत सीटों पर उम्मीदवार उतारना ये सब तेजस्वी यादव के लिए एक “सीधी ग़द्दारी” मानी जा रही है।
Tejashwi Yadav vs Tejpratap Yadav
Tejashwi Yadav vs Tejpratap Yadav | अब जब लड़ाई फाइनल फेज़ में है, तो तेजस्वी के लिए तेजप्रताप से गले मिलना फ़्रेडो की ग़द्दारी को इनाम देने जैसा होता। राजनीति में माइकल कभी फाइनल बैटल से पहले ग़द्दार को गले नहीं लगाता।








