गोपालगंज की सियासत में फिर गर्मी टीडीएस वायरलस की रिपोर्ट:
बिहार के गोपालगंज जिले की कुचायकोट विधानसभा सीट 103 इस बार बिहार की सियासत में सबसे चर्चित मुकाबलों में शामिल हो चुकी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद और बाहुबली छवि वाले विधायक अमरेंद्र कुमार उर्फ पप्पू पांडेय एक बार फिर मैदान में हैं,
जबकि महागठबंधन ने दुबई के उद्योगपति हरिनारायण सिंह कुशवाहा पर दांव लगाया है। एक तरफ सत्ता का अनुभव और बाहुबली प्रभाव है, तो दूसरी तरफ ‘बदलाव’ का नया चेहरा और प्रवासी सफलता की कहानी।
Bihar Election 2025 – बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के नामांकन के साथ ही गोपालगंज की सियासत गरम हो गई है। इस जिले में कुल 72 उम्मीदवारों ने पर्चा भरा, जिनमें से 20 नामांकन रद्द कर दिए गए।
अब 52 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा कुचायकोट सीट की है। यहां एनडीए के उम्मीदवार अमरेंद्र कुमार उर्फ पप्पू पांडेय और कांग्रेस के प्रत्याशी हरिनारायण सिंह कुशवाहा के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है।
Bihar Election 2025 – पप्पू पांडेय नीतीश के भरोसेमंद बाहुबली, अमरेंद्र कुमार उर्फ पप्पू पांडेय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी और पार्टी के मजबूत चेहरों में गिने जाते हैं।
पप्पू पाण्डेय (Amrendra Kumar Pandey) लगातार पांच बार विधायक रह चुके हैं और इस बार छठवीं बार चुनावी मैदान में हैं। उनका मूल गांव तुलसिया (हथुआ विधानसभा क्षेत्र) में है, लेकिन उन्होंने राजनीतिक जमीन कुचायकोट में तैयार की।
2020 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के बाहुबली नेता काली प्रसाद पांडेय को 20 हजार से अधिक वोटों से हराया था। उन्हें कुल 74,359 वोट मिले थे और वे एनडीए की जीत का अहम चेहरा बने थे।
नामांकन के दिन पप्पू पांडेय के समर्थन में हजारों की भीड़ उमड़ी थी, फूल-मालाओं से उनका स्वागत हुआ और समर्थकों ने ‘नीतीश के सिपाही, पप्पू पांडेय ज़िंदाबाद’ के नारे लगाए। कुचायकोट में उनकी पकड़ इतनी मजबूत है कि वे यहां के हर पंचायत और बूथ स्तर तक सक्रिय माने जाते हैं।
हालांकि पप्पू पांडेय (Pappu Pandey) की छवि विवादों से अछूती नहीं है, वे ट्रिपल मर्डर, रंगदारी, लूट और फायरिंग जैसे 14 मामलों में नामजद हैं। उन पर कई आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी में सजा नहीं हुई है।
उनके बड़े भाई सतीश पांडेय (Satish Pandey) का नाम भी 90 के दशक के कई संगीन मामलों, जैसे मंत्री बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड और चाड़ी नरसंहार, से जुड़ा रहा है। फिलहाल दोनों भाई जमानत पर हैं, लेकिन समर्थक इन्हें जनता का नेता कहकर बचाव करते हैं।
हरिनारायण सिंह कुशवाहा: बदलाव का चेहरा, दुबई के उद्योगपति Bihar Election 2025– वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और महागठबंधन ने इस बार एक नया दांव खेला है। उन्होंने दुबई में कारोबार कर रहे हरिनारायण सिंह कुशवाहा को उम्मीदवार बनाकर
Bihar Election 2025 मे बदलाव और स्वच्छ राजनीति’ की राह पर दांव लगाया है। हरिनारायण सिंह का कहना है कि वे “विदेश में सफलता के बाद अब अपने गांव-प्रदेश की सेवा के लिए लौटे हैं।
वे स्थानीय स्तर पर शिक्षा, रोजगार और युवाओं के सशक्तिकरण के मुद्दे पर प्रचार कर रहे हैं। कुचायकोट में वे खुद को जनता का बेटा कहकर प्रचार कर रहे हैं और दावा करते हैं कि बाहुबल से नहीं, विकास से कुचायकोट जीतेगा।
Bihar Election 2025 जनता के मुद्दे: विकास बनाम प्रभाव- कुचायकोट सीट पर इस बार मुकाबला सिर्फ दलों के बीच नहीं, बल्कि छवि और सोच के टकराव के रूप में देखा जा रहा है।

एक तरफ विकास और बदलाव की बात है, तो दूसरी तरफ प्रभाव और पुराना नेटवर्क। यहां के मतदाता सड़क, रोजगार, अपराध और शिक्षा को अहम मुद्दे मान रहे हैं।
Bihar Election 2025 – हालांकि जातीय समीकरण भी यहां की राजनीति में अहम भूमिका निभाते हैं राजपूत, यादव, कुशवाहा और मुसलमान वोटरों का संतुलन किसी भी उम्मीदवार की जीत तय कर सकता है।
गांवों में माहौल मिश्रित है। कुछ मतदाता पप्पू पांडेय को काम करने वाला नेता बताते हैं, जबकि युवा वर्ग हरिनारायण सिंह में “नई उम्मीद” देख रहा है। एक स्थानीय शिक्षक ने कहा — अब जनता बाहुबल नहीं, विकास चाहती है। जो रोज़गार देगा, वही हमारा नेता होगा।
कुचायकोट सीट का इतिहास- कुचायकोट विधानसभा सीट गोपालगंज जिले की सबसे संवेदनशील सीटों में से एक मानी जाती है। 1990 के दशक से यहां बाहुबलियों का दबदबा रहा है। हालांकि पिछले दो चुनावों में एनडीए ने इस सीट पर लगातार कब्जा बनाए रखा है।
इस बार मुकाबला और दिलचस्प इसलिए है क्योंकि एक ओर छह बार के विधायक, तो दूसरी ओर पहली बार चुनाव लड़ने वाला नया चेहरा आमने-सामने है।
Bihar Election 2025 – Kuchaykot Vidhansabha 103
Bihar Election 2025 – चुनाव आयोग के आंकड़े और संभावना, नामांकन के बाद अब प्रचार जोरों पर है। कुचायकोट में इस बार लगभग 2.85 लाख मतदाता हैं, जिनमें 1.36 लाख महिलाएं शामिल हैं। पिछले चुनाव में यहां 61.2% मतदान हुआ था।
Bihar Election 2025 – राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यदि महागठबंधन का वोट एकजुट रहा तो मुकाबला कड़ा हो सकता है, लेकिन पप्पू पांडेय की जमीनी पकड़ अभी भी मजबूत है।







