गोपालगंज न्यूज़ टीडीएस वायरलस संवाददाता | गोपालगंज की राजनीति एक बार फिर गरम हो गई है। हाल ही में हुए राजनीतिक बयानबाज़ी पर ज्योति जयंती (MA, B.Ed.), जनसेविका और संभावित उम्मीदवार, ने साफ शब्दों में कहा है कि, कृपया इस मुद्दे को महिला से बदतमीज़ी का मुद्दा न बनाया जाए। Debates हमेशा आक्रामक होती हैं, लेकिन उनमें भी मर्यादा बनाए रखना ज़रूरी है।
पारिवारिक संबंधों का हवाला और राजनीतिक कटाक्ष मे बोली – Jyoti Jayanti statement
ज्योति जयंती ने कहा कि विपक्ष के नेता बार-बार उनके परिवार से जुड़ाव का हवाला दे रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया: मेरे पिताजी स्व. रामावतार साह जी (पूर्व विधायक, गोपालगंज 101) से 40 साल का संबंध बताना, मेरी माता जी को मौसी कहना, मेरे परिवार को नज़दीकी बताना, इनसे कुछ नहीं बदलता। बल्कि यह दर्शाता है कि जिनके साथ 40 साल खड़े रहे, आज उन्हीं को गाली दे रहे हैं।
दिवंगत नेता पर टिप्पणी Jyoti Jayanti statement
ज्योति जयंती ने अपने बयान में कहा कि दिवंगत पर टिप्पणी करना कहीं से भी उचित नहीं है। Jyoti Jayanti statement उन्होंने कहा: मेरे पिता केवल मेरे लिए ही नहीं, पूरे समाज के लिए प्रेरणा रहे हैं। विपक्ष के नेता मेरे लिए बड़े भाई समान हैं, लेकिन मर्यादा का उल्लंघन कर दिवंगत पर टिप्पणी करना कहीं से भी सही नहीं है।
मैं एक सशक्त महिला हूँ- Jyoti Jayanti statement
उन्होंने खुद को एक सशक्त महिला बताते हुए कहा कि उन्होंने राजनीति अपने पिता से सीखी और जनसुराज की सोच से जुड़ी हैं। उनकी उम्मीदवारी गोपालगंज 101 के लिए अभी तय नहीं हुई है। वह गाँव-गाँव और पंचायत-पंचायत घूमकर जनता से जुड़ रही हैं। उनका उद्देश्य सत्ता की भूख नहीं, बल्कि सच्चा विकास है।

Jyoti Jayanti statement-जनता से सीधा संदेश
ज्योति जयंती ने गोपालगंज की जनता और नेताओं से अपील की: मुद्दों पर बहस करें, नाम और अपमान से नहीं, पार्टियाँ आती-जाती रहती हैं, लेकिन लोकतंत्र और जनता सबसे ऊपर है। निर्दलीय रहकर भी अगर जनता का आशीर्वाद मिला तो सेवा जारी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ़ रैली और टीवी इंटरव्यू से कुछ नहीं होगा। नेताओं को गाँव-गाँव जाकर जनता से मिलना चाहिए।
Jyoti Jayanti statement अंतिम संदेश
अपने बयान के अंत में ज्योति जयंती ने कहा: जिन्होंने साथ दिया, उनका धन्यवाद। जिन्होंने विरोध किया, उन्हें भी धन्यवाद क्योंकि वही मेहनत की प्रेरणा देते हैं। मेरा रास्ता सेवा और विकास का है, और मैं उससे कभी नहीं हटूँगी। जनता ही मालिक है। उन्होंने जय भवानी के नारे के साथ अपना संदेश समाप्त किया।