टीडीएस वायरलस संवाददाता – गोपालगंज जिले में पिछले कुछ वर्षों से सनातन धर्म के रीति-रिवाजों और परंपराओं के साथ खिलवाड़ की घटनाएँ सामने आ रही हैं। सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए कुछ स्थानीय क्रिएटर्स द्वारा ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें न केवल हमारी संस्कृति का अपमान किया जा रहा है, बल्कि नवरात्रि जैसे पवित्र पर्वों को व्यावसायिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
सनातन धर्म के साथ खिलवाड़ की घटनाएँ-Bajrang Dal Gopalganj
गोपालगंज जिले के कई हिस्सों में हाल ही में ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं जिनमें, गलत तरीके का कपड़ा पहनाकर नृत्य प्रस्तुत किया गया। धार्मिक आयोजनों में फिल्मी और अश्लील गानों का प्रयोग किया गया। नवरात्रि के पावन अवसर को “कमर्शियल शो” में बदलकर टिकट और स्पॉन्सरशिप के नाम पर पैसे कमाए गए। बाहरी और गैर-धर्म के युवाओं को बुलाकर माहौल बिगाड़ा गया।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि ऐसे आयोजनों में जाने वाली युवतियों के साथ छेड़छाड़, धक्का-मुक्की और गलत व्यवहार की घटनाएँ होती हैं, लेकिन डर और सामाजिक बदनामी के कारण वे घरवालों से कुछ नहीं कह पातीं।
Bajrang Dal Gopalganj-बजरंग दल की कड़ी आपत्ति
इस पूरे मामले पर बजरंग दल गोपालगंज इकाई ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। संगठन का कहना है कि: सनातन धर्म के रीति-रिवाजों का खुलेआम मजाक उड़ाया जा रहा है। नवरात्रि और माँ लक्ष्मी की पूजा को व्यावसायिक ढंग से गलत दिशा में ले जाया जा रहा है। हमारी संस्कृति को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है और बहन-बेटियों की सुरक्षा खतरे में डाली जा रही है।”
बजरंग दल के जिला संयोजक और संगठन मंत्री ने इस संबंध में प्रशासन को लेटर पैड पर ज्ञापन सौंपने की बात कही है। यदि प्रशासन ने जल्द एक्शन नहीं लिया तो संगठन जिला स्तर पर एक बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दे रहा है।
संगठन की भूमिका और अपील-Bajrang Dal Gopalganj
संगठन ने साफ कहा है कि—यदि कुछ लोग मिलकर आवाज उठाएँगे तो इसका असर सीमित रहेगा। लेकिन यदि पूरा संगठन और समाज साथ आए तो बड़ा बदलाव संभव है। इसलिए सभी धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों से अपील की गई है कि वे इस अभियान में शामिल हों।
बजरंग दल का कहना है कि 10 या 50 लोगों के प्रयास से बड़ी लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती। संगठन की ताक़त से ही यह संभव है।
बजरंग दल और स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से माँग की है कि:
- ऐसे आयोजनों पर तुरंत रोक लगाई जाए।
- आयोजकों और सोशल मीडिया क्रिएटर्स पर सख्त कार्रवाई हो।
- बेटियों और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
- नवरात्रि और धार्मिक पर्वों का व्यावसायीकरण रोका जाए।
लोगों का कहना है कि यदि सरकार और प्रशासन इस पर ध्यान नहीं देगा तो समाज में आक्रोश और बढ़ेगा।
Bajrang Dal Gopalganj क्यों महत्वपूर्ण है यह मुद्दा?
गोपालगंज में यह विवाद सिर्फ एक आयोजन या कुछ डिजिटल क्रिएटर्स तक सीमित नहीं है। यह सनातन धर्म की परंपरा, महिलाओं की सुरक्षा और समाज की नैतिकता से जुड़ा मुद्दा है।धार्मिक त्योहार केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि सामाजिक और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक हैं।

यदि इन्हें केवल पैसे कमाने का जरिया बना दिया जाएगा तो हमारी आने वाली पीढ़ियाँ संस्कार और संस्कृति से दूर हो जाएँगी। प्रशासन की निष्क्रियता से ऐसे आयोजक और भी हिम्मत पकड़ सकते हैं।
Bajrang Dal Gopalganj – गोपालगंज में सनातन धर्म और संस्कृति के साथ हो रहे खिलवाड़ को लेकर बजरंग दल अब सख्त रुख़ अपना चुका है। आने वाले दिनों में यह मामला जिले की राजनीति और सामाजिक माहौल को गहराई से प्रभावित कर सकता है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।