Horizontal Scroll Menu - TdsVirals
Home Gopalganj World Entertainment Education Virals Sports Business Lifestyle

गोपालगंज में दहेज का दंश जारी: 10 माह में 18 हत्याएं, 180 महिलाएं बेघर | Dowry Deaths Gopalganj 2025

On: November 12, 2025 6:41 AM
Follow Us:
Dowry Deaths Gopalganj
---Advertisement---

गोपालगंज टीडीएस वायरलस संवाददाता: दहेज उन्मूलन अभियान के बावजूद 10 माह में 18 हत्याएं – 180 महिलाएं बेघर, न्याय की आस में कोर्ट की शरण 
(टुनटुन सिंह, गोपालगंज न्यूज़ नेटवर्क)

 

गोपालगंज से दिल दहला देने वाली रिपोर्ट – Dowry Deaths Gopalganj | सरकार के लाख प्रयासों और दहेज उन्मूलन अभियान के बावजूद बिहार के गोपालगंज जिला (Gopalganj District) में दहेज उत्पीड़न और हत्याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।

वर्ष 2025 के शुरुआती 10 माह यानी जनवरी से अक्टूबर तक के आंकड़े बताते हैं कि 18 महिलाओं की दहेज हत्या कर दी गई, जबकि 180 महिलाओं को घर से निकाल दिया गया।

Dowry Deaths Gopalganj | ये आंकड़े इस बात का सबूत हैं कि समाज में आज भी दहेज प्रथा की जड़ें गहराई तक फैली हुई हैं। महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए बनाए गए कानूनों और सरकारी योजनाओं के बावजूद भी कई घरों में “दहेज का दंश” अब भी जिंदा है।

न्याय की आस में कोर्ट की शरण | Dowry Deaths Gopalganj – गोपालगंज में 107 महिलाओं ने कोर्ट में परिवाद पत्र दाखिल किया है। उन्होंने अपने ससुरालवालों पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने, मारपीट और घर से निकालने के गंभीर आरोप लगाए हैं।

वहीं पुलिस में 73 आपराधिक मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें से कई की जांच अब भी लंबित है। कई महिलाएं भरण-पोषण (गुजारा भत्ता) के लिए परिवार न्यायालय की शरण में गई हैं।

आंकड़ों के अनुसार, 203 महिलाओं ने भरण-पोषण का वाद दाखिल किया है ताकि वे अपने बच्चों और खुद का जीवन चला सकें।

दहेज की आग में झुलसती जिंदगी – Dowry Deaths Gopalganj |  जिले में दहेज हत्या और दहेज उत्पीड़न के मासिक आंकड़े चिंताजनक हैं —

माह दहेज उत्पीड़न दहेज हत्या
जनवरी 22 03
फरवरी 19 01
मार्च 23 02
अप्रैल 17 03
मई 18 02
जून 19 02
जुलाई 17 01
अगस्त 16 02
सितंबर 18 01
अक्टूबर 13 01
कुल 182 18

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि हर महीने औसतन दो महिलाओं की हत्या सिर्फ दहेज के कारण की जा रही है।

महिला हेल्पलाइन भी बनीं आखिरी उम्मीद – Dowry Deaths Gopalganj | महिला उत्पीड़न से जुड़ी दर्जनों शिकायतें महिला हेल्पलाइन में पहुंचीं। कुछ मामलों में हेल्पलाइन की मध्यस्थता से पति-पत्नी के बीच समझौता हुआ, लेकिन अधिकांश मामलों में समाधान नहीं निकल पाया।

Dowry Deaths Gopalganj | इस साल अब तक दो दर्जन से अधिक मामलों में मध्यस्थता केंद्र के जरिए दंपतियों में सुलह हुई है, लेकिन यह संख्या बेहद कम है। समाजशास्त्रियों का कहना है कि जब तक परिवार और समाज का दृष्टिकोण नहीं बदलेगा, तब तक कानून भी दहेज के खिलाफ लड़ाई नहीं जीत पाएगा।

दहेज विरोधी अभियान बेअसर क्यों? वर्ष 2019 में बिहार सरकार (Bihar Government) ने “दहेज उन्मूलन अभियान” शुरू किया था। उद्देश्य था समाज में जागरूकता फैलाना और बाल विवाह व दहेज प्रथा पर रोक लगाना।

Dowry Deaths Gopalganj | हर साल स्कूलों, पंचायतों और सामाजिक संगठनों द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर हालात जस के तस हैं।

सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि: जब तक हर नागरिक अपनी बेटी और बहू को समान अधिकार नहीं देगा, तब तक दहेज के खिलाफ लड़ाई अधूरी रहेगी।

पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल – स्थानीय लोगों और महिला संगठनों ने पुलिस पर ढिलाई बरतने” का आरोप लगाया है। कई मामलों में एफआईआर दर्ज होने के बाद भी गिरफ्तारी में देरी हुई।

महिला अधिकार कार्यकर्ता रीता कुमारी ने कहा – पुलिस त्वरित कार्रवाई करे, तभी समाज में डर पैदा होगा। वरना दहेज हत्या को सामान्य अपराध की तरह लिया जाता रहेगा।

समाज के नाम संदेश | Dowry Deaths Gopalganj

दहेज हत्या और प्रताड़ना के ये आंकड़े सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि समाज की वह सच्चाई हैं जो हमारी सोच पर सवाल उठाते हैं। सरकार अभियान चला सकती है, कानून बना सकती है, लेकिन असली बदलाव परिवार की सोच बदलने से आएगा।

Dowry Deaths Gopalganj
Dowry Deaths Gopalganj 2025

अगर हर पिता और भाई संकल्प लें कि वे अपनी बेटी या बहन की शादी बिना दहेज के करेंगे, तो आने वाली पीढ़ी को “दहेज के दंश” से मुक्ति मिल सकती है।

Tuntun Singh

मैं टीडीएस वायरलस का संस्थापक हूँ, जो एक गतिशील समाचार मंच है जो खेल, शिक्षा, मनोरंजन, गोपालगंज और अन्य क्षेत्रों की ताज़ा खबरें प्रदान करता है। मैंने टीडीएस वायरलस को विविध पाठकों के लिए एक विश्वसनीय समाचार और सूचना स्रोत के रूप में स्थापित किया है। Tuntun Singh

Join WhatsApp

Join Now