गोपालगंज से सनसनीखेज मामला
गोपालगंज/बिहार: गोपालगंज जिले के मांझागढ़ थाना क्षेत्र के मधु सरेया गांव में 1 घटना सामने आई है। जहाँ दो सगे भाइयों ने शराब की तलब में खेत में पड़ा जिंक का पाउच पी लिया। इसे उन्होंने देसी शराब समझ लिया था। जिंक का सेवन करते ही दोनों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। आनन-फानन में परिजनों ने दोनों को मांझागढ़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उन्हें सदर अस्पताल गोपालगंज रेफर कर दिया। दोनों की हालत फिलहाल गंभीर बनी हुई है।
मधु सरेया गांव मे शराब की तलब ने पहुंचाया मौत के मुंह में

परिजनों के मुताबिक, मृतक मुंशी यादव के बेटे कंचन यादव और जनक यादव महावीरी अखाड़ा जुलूस में शामिल होने से पहले शराब पीना चाहते थे। जब घर लौटे तो उन्होंने खेत में पड़ा जिंक का पाउच देखा और उसे देसी शराब समझकर पी लिया। कुछ ही देर बाद दोनों भाइयों की तबीयत बिगड़ने लगी। परिजन उन्हें तुरंत अस्पताल ले गए। डॉक्टरों के अनुसार, जिंक जैसे रसायन का सेवन शरीर के लिए घातक साबित हो सकता है।
मधु सरेया गांव के पीड़ितों के रिश्तेदार दीपक कुमार ने बताया:
“दोनों भाइयों ने शराब की तलाश में खेत में पड़ा पाउच पी लिया। कुछ ही देर में दोनों की तबीयत बिगड़ गई। हम घबरा गए और उन्हें तत्काल सदर अस्पताल ले गए। डॉक्टर लगातार इलाज में जुटे हुए हैं।”
डॉक्टरों की रिपोर्ट..
सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि जिंक का सेवन करने से आंतरिक अंग प्रभावित हो जाते हैं। फिलहाल दोनों की स्थिति गंभीर है और उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है।
घटना की जानकारी मिलते ही मांझागढ़ थाना पुलिस सक्रिय हो गई। थानाध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया: “दोनों आपस में भाई हैं। मामला संदिग्ध लग रहा है, लेकिन परिजन शराब समझकर जिंक पीने की बात कह रहे हैं। पूरे मामले की जांच की जा रही है और अस्पताल से रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।”
मधु सरेया गांव में बवाल मच गया है.
इस हादसे से पूरे गांव में गर्म माहौल है। स्थानीय लोग सकते में हैं और चर्चा कर रहे हैं कि शराब की लत इंसान को कितना खतरनाक कदम उठाने पर मजबूर कर देती है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
बिहार में शराबबंदी का कानून
बता दें कि बिहार में साल 2016 से शराबबंदी लागू है। 9 जुलाई 2015 को सीएम नीतीश कुमार ने महिलाओं के एक कार्यक्रम में शराबबंदी का वादा किया था। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने पूरे राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बावजूद राज्य में नकली और अवैध शराब के मामले लगातार सामने आते रहते हैं।
मधु सरेया गांव.
गोपालगंज की यह घटना शराबबंदी के बावजूद नशे की काली सच्चाई को उजागर करती है। दो भाइयों ने शराब की तलब में जिंक पीकर अपनी जान खतरे में डाल दी। पुलिस जांच कर रही है कि यह पाउच आखिर खेत में कैसे पहुंचा और क्या इसके पीछे कोई बड़ी लापरवाही है।