Tds Virals News | Location: Gopalganj, Bihar | गोपालगंज न्यूज़: गोपालगंज जिला मुख्यालय सहित गोपालगंज के पांच नगर निकाय क्षेत्र कचरे के ढेर में तब्दील होते जा रहे हैं। हर दिन करीब 200 ट्रॉली कचरा शहर (City) और उसके आसपास के इलाकों में डंप किया जा रहा है।
नगर निकायों में कचरा निस्तारण की व्यवस्था लागू होने के बावजूद अभी भी जिले के गोपालगंज, मीरगंज, हथुआ, बरौली और कटेया (Gopalganj, Mirganj, Hathuwa, Barauli, and Kateya) क्षेत्र में कचरे का उचित प्रबंधन नहीं हो पा रहा है।
Government (सरकार) ने साफ-सफाई और स्वच्छ भारत मिशन के तहत कचरा प्रबंधन इकाई की व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इससे उलट है। कचरे को नगर निकाय से उठाकर हाइवे और गांवों (Highway and Village) के किनारे फेंकना आम बात बन गई है।
Gopalganj garbage problem | गोपालगंज नगर परिषद में दिखती है व्यवस्था, लेकिन सच्चाई अलग – नगर परिषद गोपालगंज में जगह-जगह सूखा और गीला कचरा अलग रखने के लिए डस्टबिन लगाए गए हैं, जिससे बाहर से देखने पर सफाई व्यवस्था सही लगती है।

लेकिन जब कचरे के उठाव की बारी आती है, तो सूखे और गीले कचरे में कोई भेदभाव नहीं किया जाता। दोनों को एक ही ट्रॉली में भरकर शहर से दूर ले जाकर सड़क किनारे गिरा दिया जाता है।
Gopalganj garbage problem – सूत्रों के अनुसार, पिछले पांच दशक से यह गंदगी फैलाने वाली व्यवस्था जारी है। एनएच-27 (NH27) के किनारे मांझागढ़ थाना क्षेत्र के सिकमी, दुलदुलिया और छवहीं गांवों में रोजाना 40 से 50 ट्रॉली कचरा फेंका जाता है।
बदबू और धुएं से परेशान लोग | Gopalganj garbage problem – गावों में रहने वाले लोगों ने बताया कि कचरा गिराए जाने से उठने वाली बदबू से सांस लेना मुश्किल हो जाता है। स्थिति तब और खराब हो जाती है जब कचरे में आग लगा दी जाती है।
धुएं के कारण हाइवे पर दृश्यता कम हो जाती है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। साथ ही हवा में फैलने वाला धुआं पूरे क्षेत्र के वायु प्रदूषण को बढ़ा रहा है।
बरौली और मीरगंज में भी वही हाल (Barauli and Mirganj) – Gopalganj garbage problem | वर्ष 2021 में बरौली नगर पंचायत को नगर परिषद का दर्जा दिया गया था, लेकिन यहां की सफाई व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ। अब भी इस क्षेत्र का कचरा संदली गांव के पास बने डंपिंग प्वाइंट पर फेंका जाता है।
वहीं मीरगंज नगर परिषद (Mirganj Nagar Parisad) क्षेत्र में कचरे को नरइनिया रेलवे ढाला (Narainiya Railway Dhala) के पास गिराया जाता है। यह क्षेत्र नगर निकाय के अधीन ही आता है, लेकिन कचरा निस्तारण की कोई ठोस व्यवस्था अब तक लागू नहीं की गई।
कटेया और हथुआ नगर पंचायतों में व्यवस्था नाम की चीज नहीं – Kateya or Hathuwa Gopalganj garbage problem | उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे कटेया नगर पंचायत (Kateya Nagar Panchayat) में भी कचरा प्रबंधन की कोई स्थायी योजना नहीं बन पाई है। यहां सोता नदी (Sota Nadi) के किनारे कचरा फेंकने और जलाने का काम नियमित रूप से जारी है।
हथुआ नगर परिषद (Hathuwa Nagar Parisad) में भी यही स्थिति है, जहां शहर से निकले कचरे को एक स्थान से उठाकर दूसरे स्थान पर डालने की औपचारिकता निभाई जाती है।
स्वास्थ्य पर मंडराता खतरा – Gopalganj garbage problem | स्वास्थ्य (Health) विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार कचरे का जमाव और धुआं डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड और सांस की बीमारियों का खतरा बढ़ा रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण अब गोपालगंज (Gopalganj) के कई इलाके कचरा बम में तब्दील हो चुके हैं।
Gopalganj garbage problem – स्थानीय लोगों ने उठाई आवाज, गोपालगंज, बरौली, मीरगंज और हथुआ के कई नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि कचरा प्रसंस्करण इकाई (waste processing unit) जल्द से जल्द स्थापित की जाए।
स्थानीय निवासी डा. शिबू तिवारी, लाल बहादुर राय, परमेश्वर प्रसाद और मोहन लाल (Dr ने बताया कि ग्राम पंचायतों में कचरा प्रबंधन की व्यवस्था शुरू हो चुकी है, लेकिन शहरी क्षेत्रों में यह योजना अब भी अधूरी है।
Gopalganj garbage problem – समाधान क्या है?
विशेषज्ञों के अनुसार—
1. हर नगर निकाय में अलग-अलग सूखा और गीला कचरा प्रसंस्करण केंद्र स्थापित किए जाने चाहिए।
2. कचरा जलाने पर सख्त रोक लगाई जानी चाहिए।
3. कचरा उठाव और निस्तारण की निगरानी के लिए स्मार्ट ट्रैकिंग सिस्टम लागू करना होगा।
4. एनएच किनारे डंपिंग पूरी तरह प्रतिबंधित होनी चाहिए।
Gopalganj garbage problem 2025
गोपालगंज सहित जिले के सभी नगर निकाय क्षेत्रों में कचरा प्रबंधन की मौजूदा व्यवस्था पूरी तरह विफल साबित हो रही है। हर दिन सैकड़ों ट्रॉली कचरा शहर और गांवों के बीच फेंका जा रहा है, जिससे बीमारियों, प्रदूषण और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।
स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन और बिहार सरकार से मांग की है कि गोपालगंज (Gopalganj ) को स्वच्छ बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।








