गोपालगंज (बिहार), टीडीएस वायरलस की रिपोर्ट – बिहार के गोपालगंज जिले के मांझागढ़ थाना (Manjhagadh) क्षेत्र अंतर्गत शिकमी ढाला (Sikami Dhala) के पास रविवार को उस वक्त तनावपूर्ण माहौल बन गया जब मोहर्रम के जुलूस (Mohram Julus) के दौरान दो गांवों (Villages) के बीच हिंसक झड़प हो गई। घटना में करीब 12 लोग घायल हो गए, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस (Police) ने हालात पर काबू पा लिया है, लेकिन क्षेत्र में अब भी तनाव का माहौल बना हुआ है।
दो गांवों के जुलूस के मिलान को लेकर शुरू हुआ विवाद – मांझागढ़
घटना की शुरुआत उस वक्त हुई जब शिकमी गांव और छवही तक्की गांव (Chhavahi Takki Gaw) के लोग मोहर्रम के मौके पर अलग-अलग जुलूस निकाल रहे थे। यह दोनों जुलूस शिकमी ढाला के पास मिल रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जुलूस के मिलान को लेकर दोनों पक्षों में किसी बात पर बहस शुरू हो गई, जो धीरे-धीरे उग्र होती चली गई। विवाद ने देखते ही देखते झगड़ा का रूप ले लिया।
लाठी-डंडे और पथराव, कई लोग घायल
विवाद के दौरान दोनों पक्षों के लोगों ने एक-दूसरे पर लाठी-डंडों (Lathi-Dando) और ईंट-पत्थरों से हमला कर दिया। अचानक शुरू हुई इस हिंसा में अफरातफरी मच गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में छवही तक्की गांव (Chhavahi Takki Gaw) के Mannu, Munmun Ansari, Jainab, Nisha, or Afjal Ali (मनु, मुनमुन अंसारी, जैनब निशा और अफजल अली) का नाम सामने आया है। वहीं शिकमी गांव से तैयब हुसैन और खलीउल (Sikami Village – Taiyab Hussain or Khaliul) जमा घायल हुए हैं।
घायलों का इलाज जारी, पुलिस ने संभाली स्थिति
घटना की सूचना मिलते ही मांझागढ़ थाना (Manjhagadh Police) की पुलिस दल-बल के साथ मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने में जुट गई। पुलिस की तत्परता से और किसी बड़ी अनहोनी को टाल दिया गया। घायल व्यक्तियों को पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां से कुछ को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर (Sadar Hospital Gopalganj Refar) किया गया है। वहीं कुछ घायलों का इलाज निजी Nursing Home (नर्सिंग होम) में चल रहा है।
“शिकमी गांव वालों ने जबरन मिलाया जुलूस”
घटना को लेकर छवही तक्की गांव के लोगों का आरोप है कि शिकमी गांव के लोग जबरन उनके जुलूस से मिलाना चाहते थे, जिसका विरोध करने पर उन पर हमला किया गया। उनका कहना है कि यह घटना पूर्व नियोजित लगती है, क्योंकि दूसरे पक्ष के पास पहले से ही लाठी-डंडे और पत्थर मौजूद थे।
पुलिस कर रही है कार्रवाई, तैनात किया गया पुलिस बल
पुलिस अधीक्षक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच चुके हैं और पूरे घटनाक्रम की जांच की जा रही है। दोनों पक्षों की ओर से एफआईआर दर्ज की गई है और दोषियों की पहचान कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि किसी प्रकार की और अप्रिय घटना न हो।
प्रशासन की ने गाव वालो से की अपील, शांति बनाए रखें, अफवाहों पर न दें ध्यान
घटना के बाद प्रशासन द्वारा गाँव के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है। अधिकारियों ने साफ कहा है कि जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। साथ ही सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से फैलाए जा रहे अफवाहों पर ध्यान न देने और किसी भी तरह की भड़काऊ गतिविधि से दूर रहने की सलाह दी गई है।
Moharam (मोहर्रम) इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना, शहादत और शांति का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में इस तरह की हिंसक घटनाएं समाज के सौहार्द को ठेस पहुंचाती हैं। स्थानीय बुद्धिजीवियों और समाजसेवियों ने घटना की निंदा करते हुए कहा है कि ऐसे मौके पर सभी समुदायों को मिल-जुलकर काम करना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

गोपालगंज (Gopalganj Mohram) में मोहर्रम के जुलूस के दौरान हुई यह घटना न केवल स्थानीय प्रशासन के लिए चेतावनी है बल्कि यह दर्शाती है कि धार्मिक आयोजनों के दौरान कितनी सतर्कता बरतनी जरूरी है। फिलहाल पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। आम जनता से अपील की गई है कि वे संयम बरतें, कानून व्यवस्था में सहयोग करें और अफवाहों से दूर रहें।








