टीडीएस वायरलस संवाददाता टुनटुन सिंह – कतर के दोहा मे मध्य पूर्व में तनाव एक बार फिर चरम पर पहुँच गया है। इसराइल ने क़तर की राजधानी दोहा में हमास के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाकर हमला किया है। इस हमले के बाद न सिर्फ क़तर बल्कि अरब देशों, ईरान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। वहीं इसराइल ने साफ कहा है कि यह हमला पूरी तरह उसकी जिम्मेदारी में किया गया है और यह उन लोगों पर किया गया है जो 7 अक्टूबर 2023 के नरसंहार के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार थे।
Israel attack in Qatar हमला कैसे हुआ?
इसराइल डिफेंस फोर्सेज़ (IDF) और इसराइली सुरक्षा एजेंसी (ISA) ने दोहा में सटीक निशाना साधकर हमले को अंजाम दिया। आईडीएफ़ ने कहा कि उन्होंने हमले से पहले नागरिकों को नुकसान से बचाने के लिए विशेष इंतज़ाम किए, जिसमें सटीक हथियार और खुफ़िया जानकारी का इस्तेमाल किया गया। हमले का निशाना हमास की सीनियर लीडरशिप रही, खासकर वे लोग जो संगठन के संचालन और युद्ध की रणनीति बना रहे थे।
कतर मे Israel attack in Qatar किन नेताओं को निशाना बनाया गया?
इसराइली अधिकारियों के मुताबिक हमले में मुख्य रूप से दो बड़े हमास नेताओं को निशाना बनाया गया

खलील अल-हया (Khalil al-Hayya), हमास के प्रमुख वार्ताकार। ग़ज़ा से निर्वासित होकर क़तर में रह रहे थे। 2012 और 2014 में काहिरा में शांति वार्ता का हिस्सा रह चुके। 2025 फरवरी में हुए संघर्षविराम समझौते में हमास का नेतृत्व किया था।
ज़ाहर जबरीन (Zaher Jabarin), वेस्ट बैंक से निर्वासित।हमास की राजनीतिक और वित्तीय गतिविधियों में अहम भूमिका निभा रहे थे।
Israel attack in Qatar क़तर की प्रतिक्रिया
क़तर के विदेश मंत्रालय ने इसराइल के हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन बताया। प्रवक्ता डॉक्टर माजिद अंसारी ने कहा कि हमले में दोहा का एक आवासीय परिसर भी प्रभावित हुआ, जहां हमास के नेता रहते थे। क़तर ने चेतावनी दी कि इस तरह की कार्रवाई उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। बयान में यह भी कहा गया कि Qatar (क़तर) इस लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा।
अमेरिका की भूमिका और बयान – Israel attack in Qatar
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि अमेरिका को पहले ही इस हमले की जानकारी थी। क़तर अमेरिका का सबसे बड़ा गैर-नाटो सहयोगी है और यहां करीब 10 हज़ार अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। इस खुलासे के बाद सवाल उठे कि क्या अमेरिका ने इस हमले की मौन सहमति दी थी। ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में हमास को “अंतिम चेतावनी” दी थी कि वह सीज़फायर समझौते पर राज़ी हो जाए।
ईरान और अरब देशों की प्रतिक्रिया – Israel attack in Qatar
ईरान ने कहा कि यह हमला न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है बल्कि यह क़तर की संप्रभुता पर हमला है। जॉर्डन ने इसे “खतरनाक और अस्वीकार्य उकसावे वाली कार्रवाई” करार दिया। कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने भी हमले की निंदा की और क़तर का समर्थन किया। ओमान ने अपने सुल्तान के हवाले से बयान जारी कर इसे क्षेत्रीय स्थिरता के खिलाफ बताया।
Israel attack in Qatar – इसराइल का पक्ष
इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय से बयान आया:” आज हमास के शीर्ष आतंकवादियों पर की गई कार्रवाई पूरी तरह से इसराइली अभियान था। इसे इसराइल ने ही शुरू किया, इसराइल ने ही अंजाम दिया और इसकी पूरी ज़िम्मेदारी इसराइल लेता है। इसराइल के वित्त मंत्री और धुर-दक्षिणपंथी नेता बेज़ालेल स्मॉद्रिच ने इसे सही फैसला बताते हुए कहा –दुनिया में कहीं भी आतंकवादियों को छूट नहीं दी जाएगी।
खलील अल-हया कौन हैं?
जन्म: जनवरी 1960, ग़ज़ा पट्टी। शिक्षा: इस्लामिक यूनिवर्सिटी, ग़ज़ा से ग्रैजुएशन (1983)। मास्टर्स: यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्डन (1989)। पीएचडी: सूडान (1997) – कुरान और इस्लामिक साइंस पर शोध। राजनीतिक सफर: हमास के वरिष्ठ नेता और मुख्य वार्ताकार। फ़िलिस्तीनी लेजिस्लेटिव काउंसिल के सदस्य। अपने समर्थकों में अबू उसामा के नाम से मशहूर।
Israel attack in Qatar-क़तर का हमास से कनेक्शन
अक्टूबर 2023 से शुरू हुई इसराइल-हमास जंग के बाद क़तर लगातार दोनों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है। फरवरी 2025 में हुए संघर्षविराम समझौते में क़तर की अहम भूमिका थी। अमेरिका भी मानता है कि क़तर ग़ज़ा में स्थायी शांति के लिए जरूरी साझेदार है।
अंतरराष्ट्रीय प्रभाव-Israel attack in Qatar
मध्य पूर्व की स्थिरता, यह हमला क़तर जैसे तटस्थ देश की जमीन पर हुआ है, जिससे पूरा खाड़ी क्षेत्र अस्थिर हो सकता है।अमेरिका-इसराइल संबंध, हमले से पहले अमेरिका को जानकारी थी, जिससे ट्रंप प्रशासन की नीति पर सवाल उठ रहे हैं। अरब-इसराइल रिश्ते, कई अरब देशों की निंदा के बाद इसराइल के लिए डिप्लोमैटिक दबाव बढ़ सकता है।
Israel attack in Qatar Lusail

यह हमला सिर्फ हमास के नेताओं पर कार्रवाई नहीं बल्कि एक राजनीतिक संदेश भी है, इसराइल ने साफ कर दिया है कि वह दुनिया में कहीं भी हमास को निशाना बना सकता है। क़तर जैसे रणनीतिक साझेदार और अमेरिकी सहयोगी देश की संप्रभुता पर हमला, अंतरराष्ट्रीय विवाद को और गहरा कर सकता है।
FAQs (Israel attack in Qatar)
Q1. क्या इसराइल ने क़तर सरकार को पहले से जानकारी दी थी?
नहीं, क़तर का कहना है कि उसे इस हमले की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई।
Q2. हमले में कौन से हमास नेता निशाने पर थे?
खलील अल-हया और ज़ाहर जबरीन को मुख्य रूप से निशाना बनाया गया।
Q3. क्या अमेरिका इस हमले में शामिल था?
अमेरिका ने कहा कि उसे पहले से जानकारी थी, लेकिन वह सीधे तौर पर शामिल नहीं था।
Q4. इस हमले से क्षेत्रीय राजनीति पर क्या असर पड़ेगा?
यह हमला क़तर की भूमिका को कमजोर कर सकता है और अरब देशों में इसराइल के खिलाफ आक्रोश बढ़ा सकता है।
Israel attack in Qatar
क़तर की राजधानी दोहा में इसराइल का हमास नेताओं पर हमला सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति की दिशा बदलने वाला घटनाक्रम है। यह हमला क़तर की संप्रभुता, अमेरिका-इसराइल संबंधों और अरब देशों की प्रतिक्रिया के कारण आने वाले दिनों में और गहराई से चर्चा का विषय रहेगा।