बिहार विधानसभा चुनाव 2025: भोरे विधानसभा में एनडीए का बड़ा दांव
टीडीएस वायरलस गोपालगंज/भोरे: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र आज एक बड़ी राजनीतिक हलचल देखने को मिली। बिहार सरकार के माननीय शिक्षा मंत्री श्री सुनील कुमार ने आज भोरे विधानसभा सीट से एनडीए समर्थित प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
नामांकन के दौरान हजारों की संख्या में एनडीए कार्यकर्ता, समर्थक और स्थानीय जनता सड़कों पर उतर आए और पूरे उत्साह के साथ अपने नेता का स्वागत किया।
जगह-जगह सुनील कुमार जिंदाबाद, एनडीए विजयी हो के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा।
भोरे विधानसभा सीट, गोपालगंज जिले की उन महत्वपूर्ण सीटों में से एक है जो इस बार एनडीए गठबंधन के लिए बेहद अहम मानी जा रही है। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार को इस सीट से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद एनडीए कार्यकर्ताओं में नया जोश देखने को मिल रहा है।
सुनील कुमार का नाम न सिर्फ क्षेत्र में बल्कि पूरे बिहार में शिक्षा सुधार, पारदर्शी नीति और विकास के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। उनके नामांकन के साथ ही एनडीए ने साफ कर दिया है कि वह भोरे सीट को किसी भी हालत में जीतने के मूड में है।
कौन हैं सुनील कुमार — शिक्षा से राजनीति तक का सफर – श्री सुनील कुमार, जो वर्तमान में बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री हैं, अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण फैसले लेकर चर्चा में रहे हैं।
उन्होंने शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए डिजिटल क्लासरूम, शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता, और स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर विशेष ध्यान दिया।
भोरे क्षेत्र में वे एक जनप्रिय और ईमानदार नेता के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में भोरे और आसपास के इलाकों में सड़क, पुल, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाएं शुरू कराई हैं।
जनता के बीच उनकी छवि एक ऐसे जनप्रतिनिधि की है जो काम बोलता है, वादे नहीं करता।
नामांकन के दौरान दिखा शक्ति प्रदर्शन – नामांकन के मौके पर सुनील कुमार के समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी।हजारों लोग झंडे, बैनर और नारेबाजी करते हुए भोरे अनुमंडल कार्यालय तक पहुंचे, जहां मंत्री ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान एनडीए के कई वरिष्ठ नेता भी मंच पर मौजूद रहे।
कार्यक्रम में शामिल एनडीए नेताओं ने कहा – भोरे की जनता विकास चाहती है, और विकास का दूसरा नाम है सुनील कुमार जी।
नामांकन के बाद सुनील कुमार ने मीडिया से कहा, मैं हमेशा जनता की सेवा के लिए समर्पित रहा हूं। भोरे की जनता ने मुझ पर जो विश्वास जताया है, मैं उस पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा।
सुनील कुमार के नामांकन के बाद भोरे सीट पर सियासी हलचल तेज हो गई है। यह सीट अब पूरी तरह एनडीए बनाम महागठबंधन (INDIA) की जंग में तब्दील हो चुकी है। एनडीए समर्थक जहां सुनील कुमार को विजेता मान रहे हैं, वहीं विपक्षी दलों ने भी इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प बना दिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भोरे सीट पर इस बार चुनाव विकास बनाम वादे की लड़ाई होगी।
एनडीए सुनील कुमार के काम और शिक्षा सुधारों को मुद्दा बनाएगी, जबकि विपक्ष बेरोज़गारी और स्थानीय विकास को उठाएगा।
भोरे विधानसभा में जातीय और सामाजिक समीकरण हमेशा से निर्णायक रहे हैं। हालांकि इस बार का चुनाव छवि और कार्यप्रदर्शन पर केंद्रित दिखाई दे रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सुनील कुमार ने जो विकास कार्य किए हैं, वे अब गांव-गांव में चर्चा का विषय हैं।
एक स्थानीय मतदाता ने कहा – सुनील बाबू ने स्कूल, सड़क और बिजली की जो व्यवस्था कराई है, वो पहले कभी नहीं हुई थी। हम फिर से उन्हें जीताना चाहते हैं।
युवाओं और महिलाओं में भी उनके प्रति विश्वास दिखाई दे रहा है। विशेषकर शिक्षा मंत्री के रूप में उनके योगदान ने उन्हें एक विकासवादी नेता के रूप में स्थापित किया है।
राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक,
- एनडीए का संगठन भोरे में मजबूत है।
- सुनील कुमार की छवि और मंत्री पद दोनों उन्हें बढ़त दिला सकते हैं।
- महागठबंधन अगर सामूहिक रणनीति नहीं बनाता, तो मुकाबला एकतरफा हो सकता है।
हालांकि, विपक्ष भी पूरी तैयारी में है और सामाजिक समीकरण को साधने की कोशिश में जुटा है।
आने वाले दिनों में प्रचार और जनसंपर्क से तस्वीर और स्पष्ट होगी।
भोरे में सुनील कुमार की दावेदारी से बढ़ा चुनावी रोमांच – बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में भोरे सीट पर मुकाबला अब बेहद रोचक हो चुका है।
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार का नामांकन एनडीए के लिए एक बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला कदम साबित हुआ है।
भोरे की जनता के बीच उनकी लोकप्रियता और कार्यशैली उन्हें अन्य प्रत्याशियों से अलग बनाती है।
अब देखना होगा कि जनता “विकास के नाम पर वोट” करती है या “राजनीतिक समीकरणों” पर।
लेकिन इतना तय है, भोरे की सियासत अब पूरे बिहार में चर्चा का केंद्र बन चुकी है।








