गोपालगंज में 29 अगस्त को निकलेगी ‘वोटर अधिकार यात्रा’, महागठबंधन ने बनाई रणनीति
गोपालगंज/टुनटुन सिंह (Tds Virals Desk):
बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमानें वाली है। जिले में 29 अगस्त को प्रस्तावित ‘वोटर अधिकार यात्रा’ को लेकर सोमवार को महागठबंधन के नेताओं और समन्वय समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में कांग्रेस, राजद, भाकपा (माले) और वीआईपी पार्टी सहित सभी घटक दलों के नेताओं ने भाग लिया। इस यात्रा को सफल बनाने और इसे ऐतिहासिक स्वरूप देने की रणनीति तैयार की गई।
बैठक की अध्यक्षता मध्य प्रदेश के पूर्व ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने की, जबकि कांग्रेस जिला अध्यक्ष ओम प्रकाश गर्ग ने कहा कि यह यात्रा सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं बल्कि “जन-जागरूकता का अभियान” होगी।
Gopalganj Voter Rights Yatra – बैठक में क्या हुआ?
गोपालगंज शहर के एक होटल में हुई जिसमें सभी दलों के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने विस्तार से चर्चा की। यात्रा का स्वागत भव्य रूप से करने के लिए विशेष समिति का गठन किया गया। जगह-जगह स्वागत द्वार, पोस्टर और होर्डिंग्स लगाए जाएंगे। सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के लिए स्थानीय प्रशासन से भी समन्वय किया जाएगा। कार्यकर्ताओं को गांव-गांव जाकर मतदाता जागरूकता का संदेश फैलाने की जिम्मेदारी दी गई।
Gopalganj Voter Rights Yatra – यात्रा का उद्देश्य क्या है?
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश गर्ग ने कहा कि यह यात्रा बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Summary Revision) के दौरान कथित अनियमितताओं और “वोट चोरी” के खिलाफ जनता को जागरूक करने का प्रयास है। उनका आरोप है कि मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है, जिससे लोकतंत्र के मूल अधिकार यानी वोट देने का अधिकार प्रभावित हो रहा है। महागठबंधन का कहना है कि इस यात्रा से जनता में “अपने मतदाता अधिकारों की सुरक्षा” को लेकर नई चेतना जागेगी।
29 अगस्त को Gopalganj Voter Rights Yatra होगी शुरुआत
महागठबंधन ने घोषणा की कि यात्रा की शुरुआत 29 अगस्त को गोपालगंज से होगी और इसे यादगार बनाने के लिए पूरे शहर को पोस्टर-बैनर से सजाया जाएगा।

Gopalganj Voter Rights Yatra के दौरान स्थानीय कार्यकर्ता, नेता और हजारों की संख्या में जनता शामिल होगी। यात्रा का मुख्य फोकस “वोट चोरी रोकना और लोकतंत्र बचाना” होगा।
Reflects महत्व – Gopalganj Voter Rights Yatra
विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले यह यात्रा विपक्ष के लिए जनसमर्थन जुटाने का बड़ा हथियार साबित हो सकती है। एक ओर, महागठबंधन इसको जनता के मुद्दों से जोड़कर प्रचारित करना चाहता है। वहीं, सत्ता पक्ष पर दबाव बनाने की भी रणनीति साफ झलक रही है।