गोपालगंज, टीडीएस वायरलस: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, राज्य की राजनीति में जातिगत समीकरण और भी दिलचस्प होते जा रहे हैं।
अब गोपालगंज में मल्लाह (निषाद) समुदाय ने आरक्षण को लेकर अपनी आवाज बुलंद कर दी है। समुदाय के लोगों ने साफ कहा कि वे केवल उसी नेता या पार्टी को समर्थन देंगे जो उनके हक यानी आरक्षण की बात करेगा और इसे लागू कराने के लिए ठोस कदम उठाएगा।
मल्लाह समाज का स्पष्ट संदेश – हक मांगने से नहीं मिलता, छीनना पड़ता है | Mukesh Sahni Son of Mallah – गोपालगंज के सदर विधानसभा क्षेत्र के बैरिया गांव में बड़ी संख्या में मल्लाह समाज के लोग जुटे थे।
रिपोटिंग के दौरान समुदाय के लोगों ने कहा कि वे वर्षों से आरक्षण की मांग कर रहे हैं, लेकिन आज तक किसी सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी।
लोगों का कहना है कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे कई राज्यों में निषाद/मल्लाह जाति को आरक्षण का लाभ मिल रहा है।
मगर बिहार के गोपालगंज में अब तक उन्हें इस अधिकार से वंचित रखा गया है। इस कारण समाज में गहरा असंतोष है और अब वे इसे एक राजनीतिक आंदोलन का रूप देने को तैयार हैं।
जो हमारे हक की बात करेगा, हम उसी के हाथ मजबूत करेंगे, बैरिया गांव के स्थानीय मल्लाह समुदाय के लोगों का ऐलान।
मतदाता अब जागरूक और गोलबंद – Mukesh Sahni Son of Mallah | बिहार चुनाव के इस दौर में जब हर पार्टी अपने-अपने वोट बैंक को साधने में लगी है, मल्लाह समाज ने यह दिखा दिया है कि वे अब केवल वायदे नहीं, ठोस कदम चाहते हैं।
समाज के युवाओं ने कहा कि इस बार उनका वोट किसी जातिगत नारे पर नहीं, बल्कि आरक्षण की गारंटी पर जाएगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे अब ऐसी राजनीति नहीं चाहते जो चुनाव के बाद उन्हें भूल जाए।
मल्लाह समाज अब गोलबंद होकर अपने हक के लिए आवाज उठा रहा है, और इसका असर कई सीटों पर देखने को मिल सकता है।
मुकेश सहनी बने मल्लाह समाज की आवाज, “सन ऑफ मल्लाह” (Mukesh Sahni Son of Mallah) – गाँव के लोगो ने बताया एक नाम लगातार चर्चा में है – विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी का।
सहनी को मल्लाह समाज “सन ऑफ मल्लाह” के नाम से पहचानता है। उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत से ही निषाद/मल्लाह समाज को आरक्षण दिलाने को अपना मुख्य लक्ष्य बताया है।
Mukesh Sahni Son of Mallah | मुकेश सहनी ने कई बार कहा है – आरक्षण नहीं तो गठबंधन नहीं, हक मांगने से नहीं मिलता, छीनना पड़ता है।

उनका यह नारा अब मल्लाह समाज की जुबान पर है। महलाह मानते हैं कि मुकेश सहनी ही वो नेता हैं जो उनकी लड़ाई को बिहार से दिल्ली तक ले जा सकते हैं।
मल्लाह समाज – बिहार की राजनीति में बड़ा वोट बैंक – Mukesh Sahni Son of Mallah | बिहार में मल्लाह, निषाद, केवट, बिंद, मांझी, तेली, कहार, धींवर जैसे समुदायों की आबादी मिलाकर लगभग 10-12% तक मानी जाती है।
इनमें से मल्लाह समुदाय कई जिलों में निर्णायक भूमिका निभाता है, खासकर गोपालगंज, सारण, वैशाली, सीवान, मुजफ्फरपुर और दरभंगा में।जो नेता आरक्षण, सामाजिक न्याय और प्रतिनिधित्व की बात करेगा, वही मल्लाह समाज का समर्थन पाएगा।
Mukesh Sahni Son of Mallah | निषाद समाज की प्रमुख मांगें:
1. बिहार में अनुसूचित जाति (SC) में शामिल करने की मांग
2. आरक्षण लाभ अन्य राज्यों की तरह बिहार में भी लागू करने की मांग
3. राजनीतिक दलों से स्पष्ट रुख की अपेक्षा
4. शिक्षा, नौकरी और राजनीति में समान अवसर








