गोपालगंज में मनरेगा (Gopalganj MNREGA) की बदहाली, 3.43 लाख जॉब कार्ड के बावजूद सिर्फ 103 लोगों को मिला 100 दिन का काम
टीडीएस वायरलस न्यूज़, गोपालगंज/बिहार: गोपालगंज में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की स्थिति बेहद चिंताजनक होती जा रही है।
सरकार का उद्देश्य ग्रामीणों को कम से कम 100 दिन का काम उपलब्ध कराना रहा है, लेकिन धरातल पर हालात बिल्कुल उलट दिखाई दे रहे हैं।
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 के 248 दिनों में पूरे जिले में सिर्फ 103 लोगों को ही 100 दिन का रोजगार मिल सका है। इस योजना में करोड़ों की राशि उपलब्ध होने के बावजूद काम पाने के लिए लोग परेशान घूम रहे हैं।
Gopalganj MNREGA – सबसे अधिक चिंताजनक स्थिति भोरे प्रखंड की है, जहाँ एक भी व्यक्ति को सौ दिनों का काम नहीं मिला। थावे में सिर्फ 1, बरौली में 3, जबकि मांझा, कटेया और सिधवलिया में 2-2 लोगों को ही पूर्ण 100 दिन का काम मिल पाया।
Gopalganj MNREGA – 3,43,596 जॉब कार्ड बने पर रोजगार गायब, गोपालगंज (Gopalganj) जिले में कुल 3,43,596 जॉब कार्ड बनाए गए हैं। यह संख्या बताती है कि ग्रामीण इलाकों में कितनी बड़ी आबादी रोजगार पर निर्भर है।
लेकिन इसके बावजूद लोगों के हाथों में काम नहीं है। उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि:
- कुल 42,909 लोगों ने काम की मांग की
- लेकिन सिर्फ 103 लोगों को ही सौ दिन का काम मिला
- यानी काम मांगने वालों में से सिर्फ 0.24% को ही पूरा रोजगार मिला
Gopalganj MNREGA – मनरेगा का मकसद था कि ग्रामीण (Village) बेरोजगारों को सम्मानजनक आय मिले, लेकिन जमीन पर इस योजना की गति लगभग ठहर चुकी है।
Gopalganj MNREGA | कौन सा प्रखंड कितना पीछे? — पूरा रिपोर्ट कार्ड नीचे दिए गए आंकड़े बताते हैं कि किस प्रखंड में मनरेगा की स्थिति कितनी चिंताजनक है:
| प्रखंड | सौ दिनों का काम |
|---|---|
| उचकागांव – Uchkagaw | 36 |
| कुचायकोट – Kuchaykot | 13 |
| हथुआ – Hathuwa | 11 |
| फुलवरिया – Fulwariya | 09 |
| विजयीपुर – Vijaipur | 08 |
| बैकुंठपुर – Baikunthpur | 06 |
| गोपालगंज – Gopalganj | 05 |
| पंचदेवरी – Panchdewari | 05 |
| बरौली – Barauli | 03 |
| कटेया – Kateya | 02 |
| मांझा – Manjha | 02 |
| सिधवलिया – Sidhwaliya | 02 |
| थावे – Thawe | 01 |
| भोरे – Bhore | 00 |
| कुल | 103 |
सबसे अच्छे प्रदर्शन वाला प्रखंड भी सिर्फ 36 लोगों को ही 100 दिन का काम दे पाया — यह अपने आप में बड़ी विफलता साबित होती है।
Gopalganj MNREGA – पिछले वर्षों का रिकॉर्ड भी बेहद खराब अगर पिछले वर्षों की तुलना करें, तो तय होता है कि पिछला प्रदर्शन भी खास बेहतर नहीं था:
- 2024-25: 218 लोगों को सौ दिन काम
- 2023-24: 118 लोग
- 2022-23: 123 लोग
इस वर्ष (Gopalganj MNREGA) तो स्थिति और भी ज्यादा गिर चुकी है। लगातार तीन से चार वर्षों से मनरेगा का प्रदर्शन डाउनफॉल में है।
Gopalganj MNREGA – विभाग का दावा: एक-दो महीने में सुधार होगा, उप विकास आयुक्त, कुमार निशांत विवेक (Kumar Nishant Vivek) ने कहा है: मनरेगा के तहत काम मांगने वाले हर जॉब कार्डधारक को काम दिया जाता है।
अधिक से अधिक लोगों को 100 दिन का काम देने का निर्देश है। आने वाले एक-दो महीनों में स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा।
हालांकि जमीन पर वास्तविकता कुछ और ही कहानी कह रही है। ग्रामीण बेरोजगारों को उम्मीद है कि विभाग जल्द कार्रवाई करेगा।
ग्रामीणों की बेबसी — काम की मांग की पर हाथ खाली कई ग्रामीणों ने बताया कि:
- काम की मांग करने के बाद भी उन्हें हफ्तों तक इंतजार करना पड़ता है
- कई जगहों पर तकनीकी खामियों, लेट सर्वे, और धीमी प्रक्रिया की वजह से काम नहीं मिल पाता
- सड़क निर्माण, तालाब खुदाई, नाला मरम्मत जैसे काम कागजों पर ज्यादा और जमीन पर कम दिखते हैं
यह सवाल उठता है कि यदि योजना में फंड की कमी नहीं है, फिर रोजगार क्यों नहीं मिल रहा?
Gopalganj MNREGA Rep. On First week Decme. 2025
मनरेगा गोपालगंज में अपनी मूल भावना से भटकती नजर आ रही है। लाखों जॉब कार्ड होने के बावजूद सिर्फ चुनिंदा लोगों को ही पूर्ण रोजगार मिल पा रहा है।
प्रशासन को जमीनी स्तर पर वास्तविक काम और जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी। यह मुद्दा सिर्फ सरकारी आंकड़ों में नहीं, बल्कि गरीब परिवारों की रोटी-रोज़ी से जुड़ा हुआ है।








